संदेश

kya harz hai thoda muskurane me

Waqt laga khud ko samjhane me Adhi zindagi beet gai ruthne manane me Ao gusse me bhi sath rahe kuchh pal kya pata Tum samajh jao kya harz hai thoda muskurane me

Light

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मन

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hope

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वेहिसाब

ये ज़िन्दगी मुझ से मेरी खुशी का हिसाब मांगती है अक्सर करती हु अपनी उदासी से अदा टूट जाती हु जब ये मेरे अश्क की बूंदे वेहिसाब मांगती है

change

Kavi kavi labaj kafi hote ruh ko chhune k liye Bohot kariv aa kar v hme logo ko raste badalte dekha h

मुकद्दर

अब बेखौफ जिंदगी है मेरी न कोई आजमाइश रही। न कोई रंजिश है खुदा के बन्दों से न किसी से कोई फरमाइश रही । वैसे तो मुकद्दर मे तुम्हारे शिवा सब मिला मुझे जिसकी कभी मुझे ख्वाहिश ही नही रही । कुछ तो इल्म था मुझे । कि यू ही नही आये दुनिया मे हम कुछ तुम्हारा ही कर्ज़ बाकी था ।। जिसकी कीमत रूह खो कर चुकाई हमने ।

सफर

जिन्दगी की नाव छोटी हो या फिर बड़ी अच्छे रिसते मिले तो सफर मुकम्मल हो जाता है मंजिल की तलाश नही होती

मंजिल

मेरा माझी भी मेरी मंजिल से अनजान है हर मोड़ पर एक नया तूफान है जब भी लगा बस अगला मोड़ मेरी ख्वाहिश है जिंदगी वही थम जाती है जैसे सामने कोई अहंकारी चट्टान है 

मकसद

यह ज़िन्दगी बिल्कुल फिजूल है जब तक इसका कोई मकसद नही और बिना किसी मकसद के निरंतर काम करते रहना यह भी जिंदगी का मकसद नही