मंजिल

मेरा माझी भी मेरी मंजिल से अनजान है
हर मोड़ पर एक नया तूफान है
जब भी लगा बस अगला मोड़ मेरी ख्वाहिश है
जिंदगी वही थम जाती है
जैसे सामने कोई अहंकारी चट्टान है 

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