स्वाभिमान
जो नही समझते मेरे स्वाभिमान को
उनके लिए मेरा अहम ही सही
कुछ ख्वाहिशे मुकम्मल भी होगी कभी
इसका वहम ही सही
जिन्दगी की रफ्तार धीमी है मगर
हर परिस्थिति मे दृढ हू बस इतना
खुदा का रहम ही सही
मेरे ख्वाबो के मोतियों का ढेर है मेरे पास
कुछ टूट-फूट भी जाये तो क्या
बाकी को मंजिल मिल जाए
एक आशा की लहर ही सही
उनके लिए मेरा अहम ही सही
कुछ ख्वाहिशे मुकम्मल भी होगी कभी
इसका वहम ही सही
जिन्दगी की रफ्तार धीमी है मगर
हर परिस्थिति मे दृढ हू बस इतना
खुदा का रहम ही सही
मेरे ख्वाबो के मोतियों का ढेर है मेरे पास
कुछ टूट-फूट भी जाये तो क्या
बाकी को मंजिल मिल जाए
एक आशा की लहर ही सही
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